बीहड़ में से एक मुसाफिर चला जा रहा था,
पैरों तले रोंदते हुए पत्तों को,
चरमराते हुए पत्ते ने प्रश्न पूछा,
कौन ?
पथिक ने लतावितान की ओर
निहारते हुए भू पर पड़े पत्ता को देखा और कहा,
"मै वह हूं जिसकी सब देखते है सब राह,
पर मै किसी की बाट नहीं जोहता,
जैसे रवि का आना और चले जाना पश्चिम की ओर"
पत्ते ने निर्निमेष नेत्रों से देखा,
पथिक चला जा रहा था, चला जा रहा था,चला जा रहा था....?
"रवि"